Computer kya hai – What is Computer in Hindi

हेलो दोस्तों आप सब जानते ही होंगे की Computer हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चूका है। आज कल स्कूल से लेकर ऑफिस तक में इसका इस्तिमाल रोज़ाना किया जाता है। 

इसलिए हम सभी लोगो को अच्छी तरह से Computer की जानकारी होना चाहिए। तभी हम कंप्यूटर का उपयोग ठीक ढंग से करने में कामयाब हो पाएंगे और साथ  प्रतियोगी परिक्षाओ में भी कंप्यूटर से सम्बंधित महत्पूर्ण सवाल पूछे जाते है। इस कारण भी कंप्यूटर बेसिक जानना जरुरी होता है।  

इसलिए सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने यह लेख तैयार किया है। इसमें कम्प्यूटर की पूरी जानकारी दे रहा हूँ।

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Computer kya hai – What is computer in hindi

कम्प्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi?

Computer शब्द की उत्पत्ति Compute शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना / अत: बोलचाल की भाषा में इसे एक Calculating Device माना जाता है 

जो एरिथमेटिक  और लॉजिकल आपरेशन को तेज़ी के साथ कर सकता है / परन्तु आज इसकी परिभाषा ही बदल गयी है क्योकि अब Computer का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है, आज इसका उपयोग music, Graphics, Internet आदि कई अन्य क्षेत्र में भी है,

अत: अब कह सकते है कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो Data को एक्सेप्ट करता है और एक विस्तृत स्टेप-बाई-स्टेप Processing के बाद उसे information में बदलता है और output रिजल्ट प्रस्तुत करता  है / यह Data को एक्सेप्ट , स्टोर और उन्हें मैनिपुलेट करता है 

कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer Full Form

C – Commonly
O – Operated
M – Machine
P – Particularly
U – Used For
T – Technical And
E – Educational
R – Research

म्प्यूटर की परिभाषा – Computer Definition in Hindi

Computer एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है। और ज्यादा कहे तो Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से  सूचना के रूप में प्रदान करता है।

कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार

कम्प्यूटर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

  1. अनुप्रयोग (Application)
  2. उद्देशय (Purpose)
  3. आकार (Size)

कम्प्यूटर का परिचय – Computer Introduction in Hindi

Computer अपना कार्य अकेला नही कर सकता है. Computer किसी कार्य को करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्राम की सहायता लेता है। 

1. System Unit

System Unit एक बक्सा होता है। जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक पार्ट्स लगे होते है। सिस्टम युनिट को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है। इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि पार्ट्स होते है जो Computer को कार्य करने लायक बनाते है।

2. Monitor

यह एक सॉफ्टवीजुअल ऑउटपुट डिवाइस है जिस पर आउटपुट को देखा जाता है। यह बिलकुल टीवी के जैसा होता है। वर्तमान में मॉनिटरो की जगह LCD (Liquid Cristal Display) एवं LED (Light Emitting Diode ) ने ले ली है। और अब इसी का इस्तिमाल किया जाता है। 

3. Keyboard

कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस होता है। जो किसी कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट बतौर टेक्स्ट के रूप में देता है। एक कीबोर्ड में कई तरह की Keys  होती है जैसे अल्फाबेट की , न्यूमेरिक की , फंक्शनल की , स्पेशल की , एवं मल्टीमीडिया की इत्यादि। 

4. Mouse

माउस भी एक तरह का इनपुट डिवाइस होता है जो कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी इनपुट बतौर पॉइंट करके निर्देश देता है। यह इनपुट कंप्यूटर सिस्टम में सामान्य निर्देश देने के लिए उपयोग होता है।  

5. Speakers

यह एक आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से साउंड को सुनने में मदद करते है। इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है। 

6. Printer

Printer भी एक आउटपुट डिवाइस है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है। कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ‘हार्डकॉपी‘ भी कहते है। और इसी सुचना की कॉपी जो Computer में ही रक्षित (protected) रहती है उन्हे ‘सॉफ्टकॉपी’ कहते है।

कम्प्यूटर की विशेषताएं – Characteristics of Computer in Hindi

1. गति – Speed

  1. कंप्यूटर एक बहुत ही तीव्र कार्य करने वाला इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है। 
  2. जो  निर्देश पल भर में क्रियान्वित (execute) करता है। 
  3. यह किसी कार्य को सेकंड के एक भाग में ही हल क्र देता है जबकि उस कार्य को एक व्यक्ति घंटो तक कही उसे हल कर पायेगा। 
  4. आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है की एक कंप्यूटर एक सेकंड के समय में एक मिलियन या उससे भी अधिक निर्देशों को क्रियान्वित कर सकता है  
  5. इसकी डाटा संसाधित करने की गति को माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) में मापा जाता हैं.
  6. आमतौर पर प्रोसेसर की एक युनिट की गति दसियों लाख निर्देश प्रति सैकण्ड यानि MIPS (Millions of Instructions Per Second)

2. शुद्धता – Accuracy

  1. कंप्यूटर बिना कोई गलती किये पूरा सही-सही गणनाएं कर सकता है। 
  2. इसकी एक्यूरेसी बहुत अधिक है जिससे ये कभी भी कोई गलती नहीं करता और गणनाओ में उसी एक्यूरेसी की तरह  कार्य करता है।
  3.  कंप्यूटर में कोई गलती तभी आ सकती है जब व्यक्ति द्वारा गलती इनपुट या निर्देश दिए गए हो। 

3. परिश्रमी – Diligence

  1. कंप्यूटर किसी भी कार्य को बिना थके लगातार कर सकता है।
  2. इसे किसी भी प्रकार की थकान या कमजोरी कभी नहीं होती है। जिससे यह किसी कार्य को  बिना किसी रुकावट या गलती के लगातार कर  सकता है।
  3. कंप्यूटर के इस क्षमता की वजह से मानव कार्य प्रगति में काफी विकास हुआ है। 
  4. यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा करता हैं। 

4. बहुप्रतिभा – Versatility

  1. कंप्यूटर की एक बहुत अच्छी विशेषता इसकी विविधता है जो एक ही समय में कई कार्य कर सकता है।
  2. जैसे अपने डॉक्यूमेंट ड्राफ्टिंग के दौरान म्यूजिक सुन्ना या कोई पेज प्रिंट करना इत्यादि।
  3.  यह एक यूजर पर निर्भर करता है की वह कंप्यूटर सिस्टम पर किस तरह का कार्य कर सकता है क्युकी ये बिलकुल अलग-अलग तरह के कार्य करने में सक्षम है। 

5. भंडारण क्षमता – Storage Capacity

  1. कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा या इनफार्मेशन को इसके मेमोरी में स्टोर कर सकते है। 
  2. कंप्यूटर में मैग्नेटिक मीडिया स्टोरेज होते है जो अत्यधिक मात्रा डाटा या सुचनाओ को परमानेंट सुरक्षित रखने की सुविधा देते है। 
  3. जैसे हार्ड डिस्क , फ्लॉपी डिस्क , ऑप्टिकल डिस्क इत्यादि जिनकी मदद से आप किसी एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकता है। 

कंप्यूटर का इतिहास – History of computer

कम्प्यूटर्स का इतिहास पहले गणना के लिए प्रयोग लायी जाने वाली डिवाइसो में मेंकेनिकल डिवाइसे थी, अबैकस को पहला कंप्यूटर कहां जाता है /

बाद में पास्कल , लौरेंस ,एटॉसॉफबेरी आदि ने कई डिवाइसे बनाई परन्तु किसी भी डिवाइस में Memory न थी तत्प चात्  सत्रहवीं शताब्दी में Charless babbage ने Analytical और Difference engine का आविष्कार किया /

जिसमें Memory डाली / उक्त मशीन के अविष्कार से ही आधुनिक युग की शुरुआत हुई बाद में आज के सभी Computer में memory सबसे बड़ी विशेषता है /

इसे के कारण  charles babbage को Computer का पितामह कहा जाता है / ENAIC प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर है / यही से इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर्स का युग शुरू हो गया / 

कंप्यूटर का निर्माण – Generation of Computer

दूसरे विश्व युद्ध के बाद कम्पूटरो का विकास बहुत तेज़ी से हुआ और उनके आकार-प्रकार में बहुत परिवर्तन हुए /

आधुनिक कम्पूटरो के विकास के इतिहास को तकनीकी विकास के अनुसार कई भागो में बाँटा गया है जिन्हे कंप्यूटरो की पीढ़ियाँ कहा जाता है /

अभी तक कम्पूटरो की पाँच पीढ़ियाँ अस्तित्व में हो चुकी है / जिस तरह मनुष्य की विभिन्न पीढ़ियाँ और अपने रहन – सहन , आचार – विचार तथा परम्पराओ में एक – दूसरे से अलग -अलग होती है /

उसी प्रकार विभिन्न पीढ़ियो के  Computer तकनीकी दृष्टि से भिन्न – भिन्न होते है , प्रत्येक पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ और उनका संक्षिप्त परिचय के लिए निचे पढ़े /

1) पहली पीढ़ी के कंप्यूटर – (1940 -1956 ) ” Vacuum Tubes”

इस पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब ही एक मात्र  इलेक्ट्रॉनिक पुर्जा थी , जो उपलब्ध होती थी / इस पीढ़ी में कंप्यूटर आकार में  बहुत बड़े होते थे और इतनी गर्मी पैदा करते थे कि एयर कंडीशनिंग अनिवार्य होती थी / 

और आप लोगो को पता  ही होगा ये गति में धीमे होते थे / इनमे कोई ऑपरेटिंग सिस्टम न होने के कारण आवश्यकता पड़ने पर विभिन उपकरणों को जोड़ने या हटाने तथा स्विच आदि दबाने का कार्य उपयोगकर्ता को खुद ही करना पड़ता था/

 इस पीढ़ी के कुछ  कंप्यूटर के नाम इस प्रकार है :-

एनिएक ( ENIAC ) ,  एडसैक (EDSAC ) ,   एडवैक (EDVAC) ,   यूनीवैक -1 (UNIVAC-1) ,   यूनीवैक – 2 ( UNIVAC-2) , आई.बी.एम.-701 , आई.बी.एम-650, मार्क-2 , मार्क-3 ,बरोज – 22021  

2) दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर – (1956 – 1963) “Transistor”

इस पीढ़ी में अमेरिका की बैल लेबोरेटरी (Bell Labs) में ट्राजिस्टर (Transistor )  की खोज कर ली थी ,जो वैक्यूम ट्यूब की तुलना में हर तरह से बेहतर होती थी /

इसलिए कम्पूटरो में वैक्यूम ट्यूबो का उपयोग समाप्त हो गया और Trasistor का उपयोग  होने लगा / इससे कम्पूटरो की दूसरी पीढ़ी अस्तित्व में आयी /

इस पीढ़ी के Computer आकार में छोटे और गति में तेज़ होते थे और उनकी लागत भी कम आती थी / ये कम गर्मी उत्पन्न करते थे , फिर भी एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता रहती थी /

इस  पीढ़ी के कम्पूटरो में इनपुट (Input ) तथा आउटपुट (Output ) के उपकरण बहुत सुविधाजनक होते थे, जिससे डाटा स्टोर करना तथा परिणाम प्राप्त करना सरल था /

इस पीढ़ी में High Level Programming Language जैसे Cobol और FORTRAN को इस्तिमाल में लिया गया था /

इस पीढ़ी के कंप्यूटरो में  आई.बी.एम1401 प्रमुख है , जो बहुत लोकप्रिय था और बड़े पैमाने पर उत्पादित किया गया था / इस पीढ़ी के अन्य कंप्यूटर थे (आई.बी.एम.-1602(आई.बी.एम.-1794, (सी.डी. एस-3600 ), आदि /

3) तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर- (1964 – 1971)”Integrated Circuits”

कंप्यूटर के 3rd generation में इंटीग्रेटेड सर्किटस (आईसी) टेक्नोलॉजी का उपयोग पहली बार किया गया जिसमे Transistors को छोटा -छोटा कर के Silicon chip के अंदर डाला जाता था जिसे Simi Conductor कहा जाता है / इससे  ये फ़ायदा हुआ की कंप्यूटर की processing करने की क्षमता काफी हद तक बढ़ गयी /

 Integrated circuit से बने Computer आकार में बहुत छोटे और गति में बहुत तेज़ होते थे / इनके कार्य करने की गति इतनी तेज़ थी कि ये एक सेकण्ड के समय में लाखो बार जोड़ने की क्रियाएँ कर सकते थे 

इस पीढ़ी के कम्पूटरो के साथ ही  डाटा स्टोर करने वाले बाहरी साधनो  जैसे – डिस्क, टेप आदि का भी विकास हुआ जिससे कंप्यूटर की मुख्य memory पर पड़ने वाला दबाव कम हो गया /

और उनके लिए Program लिखना भी सरल  गया / इसके कारण एक ही computer पर  साथ अनेक program चलाना (Multiprogramming) तथा एक program को कई प्रोसेसरो पर एक साथ चलाना (Multiprocessing) भी सम्भव हो गया /

4) चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर – (1971 – 1985) ” Micro processors”

Forth generation  की ये खसियत है की इसमें Microprocessor का इस्तिमाल किया गया है / हालाकि आजकल इनका भरपूर उपयोग किया जा रहा है /

इनमे केवल एक सिलिकॉन चिप पर हज़ारो लाखो ट्रांज़िस्टरो को जमा दिया जाता है / इन चिपों  का उपयोग करने वाले कम्पूटरो को माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) कहा जाता है

ये कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे होते है जो एक मेज़ पर भी आ जाते है / इनमे बिजली की खपत बहुत कम होती है / इनका मूल्य भी इतना काम होता है की छोटे दुकानदार  भी इन्हे खरीद सकते है / 

छोटे –  कम्पूटरो की एक ऐसी श्रेणी भी अस्तित्व में आ गयी है  , जिन्हे व्यक्तिगत कंप्यूटर Personal Computer या पी.सी. (PC) कहा जाता है / इन पर कार्य करना सरल और सस्ता है /

5) पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (1985- present)”Artificial Intelligence”

Fifth genration के computer पूरी तरह से बदल गए है इसमें  आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का उपयोग  होना  चालू गया है , जो हम लोग इस्तिमाल कर  रहे है /

अब नई नई Technology जैसे Speech Recognition , Quantum Calculation , Parallel Processing , जैसे कई Advanced तकनीक इस्तेमाल में आने लगी है /

ये एक ऐसी generation है जहाँ Computer की Artificial Intelligence  होने के करण स्वयं Desision लेनी की क्षमता आ चुकी है /

वैज्ञानिको का दावा है की ये कंप्यूटर बहुत हद तक मानव मस्तिष्क  जैसे होंगे /और धीरे – धीरे इसके सरे काम ऑटोमेटेड हो जायेगें /

Conclusion

What is Computer in hindi – Computer kya hai इसकी पूरी जानकारी आपको ऊपर पोस्ट में मिल गयी होगी । उम्मीद है की मेरे दोस्तों को आज की पोस्ट पसंद आयी होगी / क्योकी आज हमने सरल भाषा में आपको सही और Update जानकारी बताई है /

हम आशा करते है आपको कई सवालो के उत्तर आज आपको यहा मेले होंगे अगर आपके मन में अभी भी कुछ सवाल रह गए हो तो आप Comment Box में Comment करके हमसे पूछ सकते है 

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2 thoughts on “Computer kya hai – What is Computer in Hindi”

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